इंद्र वशिष्ठ
मुन्ना बजरंगी दिल्ली पुलिस के कथित एनकाउंटर में 9-10 गोलियां लगने के बाद भी बच गया था। 1998 में दिल्ली में मुकरबा चौक के पास जीटी रोड पर उत्तरी जिला पुलिस के एक कथित एनकाउंटर में मुन्ना बजरंगी को 9-10 गोलियां लगी थीं। मुन्ना का एक साथी मारा गया था। मुन्ना को भी मरा हुआ समझ कर पुलिस अस्पताल ले गई। लेकिन वहां पहुंचने पर डाक्टरों ने पाया कि मुन्ना की सांस चल रही हैं। तुरंत उसका इलाज किया गया। इस तरह मुन्ना बच गया। यह देख पुलिस के होश उड़ गए थे कि कहीं मुन्ना एनकाउंटर की पोल न खोल दे। उस टीम में उत्तर जिले के डीसीपी एस एन श्रीवास्तव और एसीपी राजबीर सिंह थे।
एस एन श्रीवास्तव को भी वीरता पदक दिलाने के चक्कर में एनकाउंटर में साथ” दिखाया” गया था लेकिन जैसे ही मुन्ना के बचने का पता चला अफसरों की हालत ख़राब हो गई थी।
इस एनकाउंटर में जिंदा बचने के बीस साल बाद आज़ सुबह बागपत जेल में मुन्ना की बदमाश सुनील राठी ने गोली मारकर हत्या कर दी। हालांकि चर्चा यह भी है कि मुन्ना बजरंगी की हत्या के पीछे राजनीतिक कारण भी हो सकते है।